शनिवार, 4 मई 2019

23 मई 2019को लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद सब लोग ने अपने अपने काम पर लग जाएंगे कोई पार्टी जीतेगी हारेगी यह अलग बात परंतु विगत कुछ दिनों से चुनाव में एक दूसरे के ऊपर दोषारोपण करते हुए हम उनका भी बुरी तरीके से अपमान करते चले आ रहे हैं जो कि हमारे माननीय रहे हैं या वर्तमान में भी माननीय हैं और चिल्ला के कहते हैं अभिव्यक्ति की आजादी और इसकी कोई सीमा है इस बात को हमें सबको स्वीकार करना चाहिए और किसी के लिए भी हमें अशोभनीय भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए वह चाहे गरीब से गरीब व्यक्ति ही क्यों ना हो परंतु वर्तमान में सबसे ज्यादा पढ़े लिखे लोग जो कंप्यूटर में इंटरनेट पर सोशल मीडिया विभिन्न प्रकार के विचार रखते हैं उसमें हमारे संवैधानिक पदों पर बैठे हुए एवं भूतपूर्व लोगों के प्रति विभिन्न प्रकार के विचार रखते हैं क्या यह वास्तव में उचित है हमें विचार करने की आवश्यकता है इस तरीके से किए जा रहे हैं किए जा रहे व्यवहार हमारे देश के संवैधानिक पदों को विभिन्न प्रकार से प्रभावित करते हैं एवं उनकी गरिमा को हम नीचे गिराते चले जा रहे हैं जो कि कतई उचित नहीं है हम लोगों को इसके प्रति जागरूक होना होगा एवं सभी पार्टियों का प्रतिनिधियों का व्यक्तियों का एवं जनता का सम्मान करना होगा भले ही नीतियां अलग अलग हो परंतु देश सभी का एक ही है कि अपनी सरकार को बहुत ही अच्छे ढंग से चलाया जाए हमें दूसरे नजरिए से भी सोचना होगा विगत 70 सालों में हमारे देश में अनेकों प्रकार से नेता मंत्री एवं प्रधानमंत्री हाय उन्होंने अपनी योजनाएं बनाई देश के विकास के लिए प्रयास किया परंतु उस सफलता का श्रेय उन्हें ना देकर थोड़ा सा हम लोगों को भी स्वीकार करना चाहिए कि क्या वास्तव में सरकारी तंत्र जिसमें ना तो कोई नेता बैठा है नहीं कोई मंत्री बैठा वहां आम आदमी नौकरी करता है क्या वह अपने कर्तव्य को सही तरीके से पालन कर रहा होता है शायद नहीं वजह चाहे जो भी हो परंतु कारण बहुत हद तक यही है हमें फिर से विचार करना होगा की आज हमारे बीच में आ रहे हैं अत्याधुनिक समस्याएं जैसे भ्रष्टाचार का विकराल रूप आतंकवाद बेरोजगारी य अन्य अपराधी में वृद्धि यह सभी हमारे समाज की देन इसके लिए सरकार को ही जिम्मेदार ठहराना उचित नहीं है अगर हमारे घर के बच्चे खराब होते हैं तो क्या हम सिर्फ मां बाप को ही दोष देते हैं नहीं फिर आज हमारे देश में विभिन्न प्रकार के विचार मनीषी अपने अपने विचार सिर्फ नेताओं मंत्रियों जनप्रतिनिधियों को दोषी ठहराने के लिए ही क्यों करते हैं यह आत्ममंथन क्यों नहीं करते हम ऐसा क्या करें हमारी समस्याएं हमारे देश की समस्या है हमारे समाज की समस्याएं जड़ से समाप्त हो सके मैं उन सभी व्यक्तियों से आसमान के लिए निवेदन करता हूं की कम से कम एक बार झांक कर देखें हमारे आने वाले पीढ़ी के बच्चों के लिए उचित क्या होगा ........... हम उनके लिए क्या संदेश दे रहे हैं हम अपने जनप्रतिनिधियों का अपमान कर रहे हैं और आने वाली पीढ़ी उन बच्चों को जनप्रतिनिधियों को इसी दृष्टिकोण से देखेगी परंतु यह बेहद शर्मनाक मैं मानता हूं कि जनप्रतिनिधि स्वयं कुछ ना कुछ निजी लाभ लेते हैं अगर समाज में किसी में हिम्मत है तो इस बात को विधिपूर्वक न्यायालय में रख कर के साबित करके दिखाएं और अगर ऐसा नहीं हो सकता तो फिर गाल बजाने से क्या होगा हमारी मानसिकता दूषित होगी समाज की मानसिकता दूषित होगी हमारी आने वाली पीढ़ी दूषित हो इसमें सच मान सकता है समाज को बनाने के लिए हमें ऐसे कदम उठाने की आवश्यकता है जिसमें समाज के सभी वर्गों के लिए सम्मान हो ...... कृपया अपनी राय अवश्य दें एवं विचार से सहमत हो तो अग्रेषित करें #election #BJP #SP #INC #CMO #PMO #CHUNAV_2019